Thursday, April 25, 2019

लोकसभा चुनाव 2019: क्या है पाकिस्तान से आए हिंदुओं का हाल

पड़ोस से पनाह की गुहार लेकर आए वो पाकिस्तानी हिंदू अभिभूत हैं जिन्हें भारत की नागरिकता मिल गई.

वो इन चुनावों में वोट डाल सकेंगे. लेकिन ऐसे हज़ारों लोग हैं जो अब भी अनिश्चितता के अंधेरे में जी रहे हैं. इन हिंदुओं का मुद्दा एक बार फिर सतह पर आ गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो चुनावी सभाओं में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है.

उधर कांग्रेस कहती है कि बीजेपी सरकार ने इन शरणार्थियों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया और पांच साल तक कुछ नहीं किया.

पाकिस्तान से आए हिंदुओं के लिए आवाज़ उठाने वाले सीमान्त लोक संगठन के अनुसार राजस्थान में ऐसे 35 हज़ार लोग हैं जो भारत की नागरिकता के लिए कतार में लगे हैं.

पिछले पांच साल में कुछ सैकड़ों लोगों को ही भारत की नागरिकता मिल सकी है. इनमे डॉक्टर राजकुमार भील भी हैं.

पाकिस्तान के सिंध सूबे से आए डॉक्टर भील को नागरिकता के लिए 16 साल इंतज़ार करना पड़ा. अब वो भारत के मतदाता हैं. यह कितनी बड़ी ख़ुशी है?

डॉ. भील कहते हैं, "इसे बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. यूं मानिए कि मेरे पैर ज़मीन पर नहीं है. यह मेरे लिए दिवाली से बड़ी ख़ुशी है क्योंकि दिवाली तो साल में एक बार आती है. मगर इस ख़ुशी की रौशनी तो 16 साल बाद आई है."

चेतन दास कभी पाकिस्तान में शिक्षक थे लेकिन अब वो भारत के नागरिक हैं. उन्हें कुछ माह पहले ही भारत की नागरिकता मिली है.

चेतन बताते हैं, "हम परिवार में 12 लोग हैं. उनमें से सिर्फ़ मुझे ही नागरिकता मिली है. इसके लिए 19 साल इंतज़ार करना पड़ा."

वो कहते हैं, "उम्र ढल गई है. मुझे मेरे बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. मेरी बेटी ने यहां बीटेक तक पढ़ाई की थी. मगर जब भी रोज़गार की बात आती थी, लोग नागरिकता के क़ागज़ मांगते थे. इन सबसे वो इस कदर मायूस हुई कि ख़ुदकशी कर ली.''

सीमान्त लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा कहते हैं, "कोई दो साल पहले सरकार ने नागरिकता के लिए ज़िला अधिकारियों को अधिकार दिए मगर इसमें बहुत धीमी प्रगति हुई. अभी 35 हज़ार लोग हैं, जो नागरिकता के लिए गुहार लगा रहे हैं. पर इनमें से सिर्फ़ एक हज़ार को ही नागरिकता मिल सकी है. लोग भविष्यहीनता के दर्द और डर में जी रहे है. इस बेबसी का फ़ायदा उठाकर सरकारी महकमों में दलालों का एक गिरोह सक्रिय हो गया है. ये लोग वसूली करते हैं और वापस भेजने की धमकी देते हैं."

वो बताते हैं कि ऐसा ही एक गिरोह दो साल पहले पकड़ा गया था. इसमें केंद्र सरकार का एक कर्मचारी भी शामिल था.

नागरिकता से महरूम पाकिस्तान के इन हिंदुओं का एक बड़ा हिस्सा जोधपुर में आबाद है. कुछ बीकानेर, जालोर और हरियाणा में शरण लिए हुए हैं.

इन्ही में से एक महेंद्र कहते हैं, "दो दशक से ज़्यादा वक्त गुज़र गया लेकिन अब भी उन्हें नागरिकता नहीं मिली है. लोग उन्हें जब पाकिस्तानी कहकर सम्बोधित करते हैं तो बुरा लगता है. हमारे बच्चे यहीं पैदा हुए मगर उन्हें भी पाकिस्तानी कहा जाता है."

पूर्णदास मेघवाल पहले पाकिस्तान के रहीमयारखां जिले में रहते थे. अब पिछले 20 साल से भारत में रह रहे हैं. वो कहते हैं कि उन्हें अब तक हिंदुस्तान की नागरिकता नहीं मिली. मेघवाल पहले कभी पाकिस्तान में वोट डालते थे.

मगर वो कहते है वहां चुनाव का कोई मतलब नहीं था. उन्हें उम्मीद है कि कभी वो घड़ी भी आएगी जब उन्हें भारत में वोट डालने का हक मिलेगा.

पाकिस्तान से आए ये लोग उस मंज़र को याद कर अब भी सहम जाते हैं जब वर्ष 2017 में पुलिस ने चंदू भील और उनके परिवार के नौ सदस्यों को वापस पाकिस्तान भेज दिया था.

सीमान्त लोक संगठन ने उस भील परिवार को भारत में बने रहने के लिए हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की और कोर्ट ने उस पर स्थगन आदेश भी जारी कर दिया. मगर पुलिस तब तक चंदू और उसके परिवार को थार एक्सप्रेस से रवाना कर चुकी थी.

चेतन कहते हैं सरकार को यह सोचना चाहिए था कि उन पर वहां क्या गुज़रेगी. अगर वहां सब कुछ ठीक होता तो लोग यहाँ क्यों आते?

वो कहते हैं, ''किसी के लिए कितना मुश्किल होता है अपना पुश्तैनी गांव-घर सदा के लिए छोड़ देना.''

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बाड़मेर और जोधपुर की चुनाव सभाओं में इस मुद्दे को उठाया और कहा वो इन हिंदुओं की नागरिकता के लिए प्रयास करेंगे.

मोदी ने कहा कांग्रेस सरकार ने इन हिंदुओं की अनदेखी की है.

मगर राज्य कांग्रेस में महासचिव पंकज मेहता कहते हैं, "प्रधानमंत्री ने बिलकुल निराधार बात कही है. उन्हें पता होगा कि उनकी सरकार के दौरान ही चंदू भील और उनके परिवार को जबरन पाकिस्तान वापस भेज दिया गया. कांग्रेस ने कभी किसी को ऐसे वापस नहीं धकेला."

मेहता कहते हैं, "बीजेपी सरकार ने इन निरीह लोगों को दलालों के भरोसे छोड़ दिया. इसमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे. अब चुनाव आने पर बीजेपी को इन शरणार्थियों की याद आने लगी है."

इससे पहले वर्ष 2004-05 में राजस्थान में कोई 13 हज़ार पाकिस्तानी हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी गई थी. इनमे अधिकांश या तो दलित हैं या फिर आदिवासी भील समुदाय के.

Thursday, April 11, 2019

इलेक्टोरल बॉन्ड के खिलाफ़ नहीं पर चंदा देने वाले की पहचान ज़ाहिर हो: चुनाव आयोग

इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए राजनीतिक पार्टिर्यों को मिलने वाले चंदे पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वो इस तरह की फंडिंग के ख़िलाफ़ नहीं है पर चंदा देने वाले शख़्स की पहचान अज्ञात रहने के ख़िलाफ़ है.

चुनाव आयोग के नरमी भरे बर्ताव पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आपने मई 2017 में केंद्र को लिखी अपनी चिट्ठी में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े नियमों को 'पीछे ले जाने वाला क़दम' बताया था. क्या आपने अपना पक्ष बदल लिया है?

मई 2017 में आयोग ने एक चिट्ठी लिखी थी जिसके मुताबिक़ चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टिर्यों को दिए जाने वाले चंदे को सार्वजनिक ना करने पर आपत्ति दर्ज की थी.

केंद्र सरकार का तर्क है कि वह चंदा देने वाले व्यक्ति की पहचान को लेकर गोपनीयता रखना चाहती है.

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से अपना नामांकन भरेंगी. नामांकन भरने से पहले वो एक रोड शो भी करेंगी.

दोपहर 12 बजे से ये रोड शो शुरू होगा और हाथी पार्क, कचहरी से होकर कलेक्ट्रेट दफ़्तर तक पहुंचेगा जहां सोनिया गांधी अपना नामांकन दाख़िल करेंगी.

रायबरेली में पाँचवें चरण यानी 6 मई को मतदान होंगे. कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट से सोनिया गांधी पाँचवीं बार चुनावी मैदान में हैं.

गुरुवार को वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की पहली तस्वीर जारी की. यह गैलैक्सी में लगभग 4000 करोड़ में फैला हुआ है और आकार में पृथ्वी से तीस लाख गुना बड़ा है. ये तस्वीर इवेंट हॉरिजन टेलिस्कोप से ली गई है जो आठ टेलिस्कोप का एक नेटवर्क है.

इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर हेनियो फ़ैलेक ने बीबीसी को बताया कि ब्लैक होल एम87 गैलेक्सी में पाया गया है.

ये हमारे सोलर सिस्टम से भी बड़ा है और वज़न में सूर्य से 650 करोड़ से ज़्यादा है. ये ब्रह्मांड में मौजूद सबसे बड़ा ब्लैक होल है.

ब्रेक्ज़िट के लिए 31 अक्टूबर तक की मोहलत

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने आपसी सहमति से ब्रेक्ज़िट की नई अंतिम तारीख़ 31 अक्टूबर तय की है.

ब्रसेल्स में ईयू समिट के दौरान चली पांच घंटे की बैठक के बाद ये आम सहमति बन पायी है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे ने कहा है कि ब्रिटेन जल्द से जल्द यूरोपीय संघ से अलग होने की तैयारियों में जुटा है.

वहीं, यूरोपीय काउंसिल के प्रमुख डॉनल्ड टस्क ने कहा है कि मैं ब्रिटेन से अपील करना चाहता हूं कि इस बार दिए गए समय को व्यर्थ ना करें.

बिन्यामिन नेतन्याहू का पाँचवीं बार इसराइल का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है. उनके प्रतिद्वंद्वी बेनी गंट्ज़ ने बुधवार को हार स्वीकार कर ली.

गंट्ज़ ने कहा कि भले ही वो ये चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन विपक्ष में रहते हुए वो नेतन्याहू से कड़े सवाल करते रहेंगे. वोटों की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और गंट्ज़ ने नेतन्याहू को कड़ी टक्कर दी है.

इसके बावजूद संसद की 120 सीटों में नेतन्याहू की पार्टी लिकूड और दक्षिणपंथी गठबंधन 65 सीटों के साथ सबसे बड़ा ब्लॉक बनकर उभरा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा है, 'मेरे प्रिय मित्र 'बीबी' आपको बधाई. आप भारत के क़रीबी मित्र हैं और मैं आपके साथ दोनों देशों के द्विपक्षीय गठजोड़ को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए उत्सुक हूं. ''

Tuesday, April 2, 2019

लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस मेनिफेस्टो की पाँच बड़ी बातें

लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को वादों से भरा चुनावी घोषणा पत्र यानी मेनिफेस्टो जारी किया.

'हम निभाएंगे' नाम के इस घोषणापत्र में कई बड़े वायदे किए गए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि इसमें कोई वादा झूठ पर आधारित नहीं है.

इनमें से पांच अहम वादे क्या हैं, पढ़िए -

पहला वादा- कांग्रेस के मेनिफेस्टो में पहला वादा है रोज़गार का.

घोषणा पत्र में 2020 तक सभी खाली सरकारी पदों को भरने का वादा किया गया है. ग्रामीण युवाओं को रोज़गार देने का वादा मेनिफेस्टो में किया गया है. राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सरकार पंचायतों और स्थानीय निकायों में 10 लाख सेवा मित्रों की नियुक्ति के साथ-साथ सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए होने वाली परीक्षा से आवेदन शुल्क हटाने का वादा किया है.

इसके साथ ही तीन साल के लिए युवाओं को बिज़नेस खोलने के लिए कोई मंज़ूरी लेने की ज़रूरत नहीं होगी और बैंक के दरवाज़े उनके लिए खोल दिए जाएंगे.

दूसरा वादा- मेनिफेस्टो में दूसरा अहम मुद्दा किसानों और कृषि से जुड़ा है. राहुल गांधी ने कहा है कि वो कृषि क्षेत्र का महत्व समझते हुए रेलवे की तरह अलग से किसान बजट पेश करेंगे.

कांग्रेस का कहना है कि केवल कृषि कर्ज़ माफ़ ही नहीं करेंगे बल्कि उचित मूल्य, कम लागत, बैंकों से कर्ज़ की सुविधा दे कर किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाएंगे.

हर ब्लॉक में आधुनिक गोदाम और कोल्ड स्टोर बनाने के लिए नीति बनाने की बात और जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात भी मेनिफेस्टो में की गई है.

मनरेगा को एक बार फिर नए सिरे से प्रारूप देने (मनरेगा-3.0 का आरंभ करने) का काम करने का वादा भी किया गया है ताकि जिन ज़िलों ने 100 दिन के रोज़गार के लक्ष्य को पूरा किया गया है वहां रोज़गार गारंटी बढ़ाकर 150 किया जाएगा और जलाशयों की मरम्मत किया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूलों में कक्षा और पुस्तकालय और खेल के मैदानों के लिए भी मनरेगा के तहत काम होगा.

किसानों के कर्ज़ की समस्या से निपटने के लिए राहुल गांधी ने कहा कि डिफॉल्ट होने पर किसानों पर आपराधिक मामले दायर नहीं किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि अगर किसान कर्ज़ न दे पाए तो वो आपराधिक मामला नहीं बल्कि उसे सिविल ऑफेंस माना जाएगा.

अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने बेघरों तथा भूमिहीन (जिसके पास घर बनाने की भूमि न हो) को घर देने के लिए "वासभूमि का अधिकार" कानून (Right to Homestead Act) बनाने का भी वादा किया है.

तीसरा वादा- अगला अहम वादा न्यूनतम आय योजना का है. कांग्रेस का कहना है कि गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ये योजना लाई जाएगी.

राहुल गांधी ने कहा है कि इसके तहत जनसंख्या का 20 प्रतिशत (5 करोड़ के आसपास) गरीब परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. इसके तहत हर परिवार को सालाना 72,000 और पांच साल में 3,60,000 रुपये डाले जाएंगे.

उन्होंने नारा दिया- 'ग़रीबी पर वार 72 हज़ार' और कहा कि 'हमारा पहला कदम न्याय का कदम है.'

राहुल गांधी का कहना है कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत पहले साल में में जीडीपी का 1 फ़ीसदी से कम तथा उसके बाद जीडीपी के 2 फ़ीसदी से कम रहने की उम्मीद है.

चौथा वादा- कांग्रेस ने देश में रेलवे के पुराने ढांचे को व्यापक रूप से और आधुनिक बनाने, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण को तेज़ी से बढ़ाने और पूर्वोत्तर राज्यों में भी सड़क और रेल मार्ग को बेहतर करने का वादा किया है.

कांग्रेस ने पूर्वोत्तर राज्यों को विशेष दर्जा देने का वादा किया है और कहा है कि वो इन राज्यों के लिए औद्योगिक नीति लाएगी.

साथ ही शहरीकरण पर एक व्यापक नीति बनाने का भी वादा किया गया है जिसे बनाने में आपदा प्रबन्धन, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण का ध्यान रखा जाएगा.

शहरों में बढ़ रहे झुग्गियों में पानी, बिजली और स्वच्छता की व्यवस्था के लिए झुग्गी-झोपड़ी विकास एवं सुधार कार्यक्रम शुरू करने का वादा किया गया है.

कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में उद्योगों के साथ मिलकर विज्ञान और प्रोद्योगिकी पर जीडीपी का 2 फ़ीसदी तक खर्च करने और मत्स्य उद्योग और मछुआरों के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने का वादा किया है.

पांचवा वादा- स्वास्थ्य को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम प्राइवेट इंश्योरेंस आधारित स्वास्थ्य स्कीमों पर भरोसा नहीं करते.

उन्होंने मोदी सरकार की स्वास्थ्य स्कीमों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने लोगों से ही पैसा लेकर कुछ चंद लोगों को देने का काम किया है. हम सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने का काम करेंगे.

महिलाओं के लिए वादे- न्याय योजना के तहत दिए जाने वाले पैसे को महिलाओं के खाते में डालने की बात कांग्रेस ने की है.

साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि 17वीं, लोकसभा के पहले सत्र में और राज्य सभा में संविधान संशोधन विधेयक के ज़रिए वो लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान करेगी. साथ ही हम केन्द्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान करेंगे.

साथ ही सीआईएसएफ़, सीआरपीएफ़ और बीएसएफ़ जैसी सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाकर 33 फ़ीसदी करने का वायदा किया गया है. ये भी कहा गया है कि राज्य पुलिस बल में पदोन्नति में महिलाओं के 33 फ़ीसदी आरक्षण के मापदण्ड का सम्मान किया जाएगा.

कांग्रेस ने कहा है कि उनकी सरकार में कस्बों और शहरों में सरकारी नौकरी और नगरपालिका की नौकरी में अधिक महिलाओं को भर्ती किया जायेगा.

कांग्रेस ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को दूसरे आयोगों की तर्ज पर संवैधानिक दर्ज़ा देने की बात की है.